आयुर्वेद में अरंडी के तेल की तुलना अमृत से की गई है। आइए देखें कि अरंडी के तेल के कई स्वास्थ्य लाभ क्या हैं।
अरंडी के तेल के स्वास्थ्य के लिए फायदे
- पेट साफ करने के लिए अरंडी का तेल लेने से पेट में दर्द हुए बिना बर्तन साफ हो जाता है। अपच की शिकायत करने वाले बुजुर्गों में भी इसे रोजाना लिया जा सकता है। छुट्टी से एक रात पहले गर्म पानी में एक चम्मच अरंडी का तेल लें।
- नेत्र विकारों पर रंजनवाड़ी या अन्य आंखों की शिकायत के लिए अरंडी के तेल की एक बूंद उंगली पर लेकर पलकों के अंदर कालिख की तरह मलें। साथ ही अरंडी का तेल पलकों पर लगाने से भी पलकें मोटी होती हैं।
- गठिया और जोड़ों का दर्द यूरिक एसिड का बढ़ना गठिया, साइटिका, गाउट, घुटने का दर्द भी कम उम्र में हो रहा है। जिन लोगों को यह समस्या है उन्हें रोज सुबह-शाम ज्वार के आटे में थोड़ा सा तेल मिलाकर रोटी बनाकर दिन में दो बार खाना चाहिए। इसे 8-15 दिनों तक आजमाएं। अरंडी का तेल अदरक के पाउडर को जोड़ों के दर्द पर लगाने से आराम मिलता है।
- छोटे बच्चों के लिए शहद या आटा बनाते समय बच्चों को अरंडी का तेल और एक चुटकी अदरक का पाउडर दें। इसे महीने में कम से कम एक बार बच्चों को जरूर देना चाहिए। पुराने जमाने में नवजात शिशु के पास भी अरंडी के शहद को चाटने का तरीका होता था।
- गर्भवती महिलाओं के लिए यदि गर्भवती महिला सिजेरियन सेक्शन से बचना चाहती है, तो उसे नौवें महीने के बाद रोजाना एक चम्मच अरंडी का तेल लेना चाहिए।
- रक्त के थक्कों में उपचारात्मक अंगों पर महीन दाने, खुजली, खुजली, अंगों पर खुजली होती है। ऐसे में एक चम्मच अरंडी का तेल, दो चम्मच घी और एक चम्मच शहद लेकर पेट को दें।
- बेहतर नींद के लिए बहुत से लोग बिस्तर पर गिरने के तुरंत बाद सो नहीं पाते हैं। लगातार सोचने से नींद नहीं आती। जो लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें रोजाना अपने सिर और तलवों पर कांच के कंटेनर से अरंडी के तेल की मालिश करनी चाहिए।